काश दुनिया कंप्यूटर होती
जिसमें डू को अन्डू करते
सुख के लम्हे सेव हो जाते
दुःख के लम्हे डिलीट कर देते
मर्ज़ी की मनचाही विन्डोज़
जब चाहे हम ओपन करते
जीवन के ये ताने बने
अपनी इच्छा से ख़ुद ही बनाते
ख्वाहिसों की होती फाइल
जिसमें कट और कॉपी करते
जब भी होती आतंकी वायरस पीडा
दुनिया को रिफोर्मेट करते
खुशियों के रगों को लेकर
फीके लम्हे रंगीन करते
काश दुनिया कंप्यूटर होती
तो मज़े मज़े मैं दुनिया जीते
काश दुनिया कंप्यूटर होती
-निर्भय जैन
जिसमें डू को अन्डू करते
सुख के लम्हे सेव हो जाते
दुःख के लम्हे डिलीट कर देते
मर्ज़ी की मनचाही विन्डोज़
जब चाहे हम ओपन करते
जीवन के ये ताने बने
अपनी इच्छा से ख़ुद ही बनाते
ख्वाहिसों की होती फाइल
जिसमें कट और कॉपी करते
जब भी होती आतंकी वायरस पीडा
दुनिया को रिफोर्मेट करते
खुशियों के रगों को लेकर
फीके लम्हे रंगीन करते
काश दुनिया कंप्यूटर होती
तो मज़े मज़े मैं दुनिया जीते
काश दुनिया कंप्यूटर होती
-निर्भय जैन
2 टिप्पणियाँ:
बहुत सुन्दर
आभार
मुम्बई टाईगर
हे प्रभु यह तेरापन्थ
जो चीज ढूंढे से नहीं मिलती ,
तो तुरंत उसे सर्च कर लेते।
काश दुनिया कंप्यूटर होती ,
तो मज़े मज़े मैं दुनिया जीते।
एक टिप्पणी भेजें